📅 12 जून 2025 को अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया के विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया। अब शुरुआती जांच में चौंकाने वाली तकनीकी चूक सामने आ रही है।
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कैप्शन: एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 की टेकऑफ के कुछ सेकंड बाद की स्थिति |
❌ क्या थी प्रमुख तकनीकी गलती?
जांच में सामने आईं तीन प्रमुख गड़बड़ियां:
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🛫 विंग्स फ्लैट (0° एंगल): टेकऑफ के लिए फ्लैप्स खुलने चाहिए थे।
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🛬 लैंडिंग गियर बाहर: जिससे ड्रैग बहुत बढ़ गया।
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⬆️ नोज ऊपर की ओर: टेकऑफ की कोशिश, लेकिन विंग्स सपोर्ट नहीं कर रहे थे।
👉 यह स्थिति टेकऑफ और लैंडिंग की एक साथ कॉन्फिगरेशन जैसी थी — पूरी तरह से विरोधाभासी।
🛩️ विंग्स सामान्यतः कैसे काम करते हैं?
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फ्लैप्स और स्लैट्स लगभग 10–15° तक खुलते हैं।
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इससे विंग में कर्व आता है और लिफ्ट बनती है।
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नोज ऊपर होता है, पहिये अंदर चले जाते हैं।
इस केस में हुआ क्या:
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फ्लैप्स नहीं खुले ⇒ लिफ्ट नहीं बनी।
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लैंडिंग गियर बाहर ⇒ ड्रैग बढ़ गया।
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40°C गर्मी ⇒ हवा हल्की ⇒ और कम लिफ्ट।
🛬 रनवे तो लंबा था, फिर भी क्यों हुआ क्रैश?
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रनवे: 3.5 किमी (पर्याप्त)
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ज़रूरी टेकऑफ स्पीड: ~450 km/h
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मिली स्पीड: ~322 km/h (पर्याप्त नहीं)
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फ्लैट विंग्स + बाहर के गियर ⇒ अत्यधिक ड्रैग
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इंजन फेल या बर्ड हिट की संभावना भी जांच में है।
🕵️♂️ इतिहास में ऐसे ही हादसे
1️⃣ 2008 मैड्रिड क्रैश (MD-82)
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फ्लैट विंग्स, चेकलिस्ट स्किप की गई।
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अलार्म सिस्टम मेंटेनेंस में बंद।
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सिर्फ 300 मीटर में क्रैश, 154 मौतें।
2️⃣ 1987 डेट्रॉइट क्रैश (DC-9)
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गर्म मौसम, ओवरलोड, फ्लैट विंग्स।
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800 मीटर बाद क्रैश, 156 मौतें।
📌 दोनों हादसों में पायलट एरर और अलार्म फेल्योर मुख्य कारण रहे।
🧩 अहमदाबाद क्रैश की अनोखी बातें
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विमान 625 फीट ऊपर गया।
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30 सेकंड हवा में रहा (अधिकतर हादसों से लंबा समय)।
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इंजन ने संभवतः थोड़ी देर लिफ्ट दी।
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सीधा और स्टेबल गिरा ⇒ इंजन बंद हो सकते हैं।
🔍 संभावित कारण
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🧑✈️ पायलट की गलती – फ्लैप सेटिंग चेक नहीं की।
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⚙️ तकनीकी खराबी – अलार्म या हाइड्रॉलिक फेल।
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💥 इंजन फेल – गवाहों ने तेज आवाज सुनी।
📦 जांच के अपडेट
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फ्लाइट रिकॉर्डर मिलने के बाद जांच में तेजी |
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✅ ब्लैक बॉक्स बरामद हुआ।
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📝 डेटा में विंग पोजिशन, इंजन स्टेटस और स्पीड की पुष्टि होगी।
⚖️ बड़े सवाल
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❗ एयर इंडिया का रिकॉर्ड – पहले भी सेफ्टी डेटा से छेड़छाड़।
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🏗️ बोइंग 787 की क्वालिटी – मैन्युफैक्चरिंग में गड़बड़ियों के आरोप।
🧭 निष्कर्ष
यह हादसा सिर्फ एक टेक्निकल फेल्योर नहीं, बल्कि:
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एयरलाइंस की निगरानी की कमजोरी,
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बोइंग जैसी कंपनियों की जवाबदेही,
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और पायलट ट्रेनिंग की खामियों को उजागर करता है।
🙏 हम पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदनाएं प्रकट करते हैं।
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